साधारणतया मौन अच्छा है ,
किन्तु मनन के लिए ।
जब शोर हो चारों ओर,
सत्य के हनन के लिए ।
तब तुम्हे अपनी बात ,
ज्वलंत शब्दों में कहनी चाहिए ।
सिर कटाना पड़े या न पड़े ,
तैयारी तो उसकी होनी चाहिए ।
--भवानी प्रसाद मिश्र
Thursday, May 22, 2008
Posted by Himanshu at 1:07 AM 0 comments
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